जानें आपके लिए कितने घातक हैं परफ्यूम में मिले ये केमिकल्‍स

BY-HITESH THAKUR


जानें आपके लिए कितने घातक हैं परफ्यूम में मिले ये केमिकल्‍स-------

 

परफ्यूम में मौजूद हैं हानिकारक केमिकल्स

अगर आप परफ्यूम के शौकीन हैं और हमेशा अलग-अलग तरह की खुशबू के लिए अलग-अलग तरह के परफ्यूम आजमाते रहते हैं तो संभल जाएं। क्योंकि परफ्यूम्स और डियोडरेंट्स में हानिकारक केमिकल्स मौजूद होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए घातक होते हैं। परफ्यूम में मिले इन केमिकल्स से कई बार एलर्जी, अस्थमा, स्किन डिजीज या फिर दूसरी तरह की अन्य गंभीर बीमारी हो जाती है। परफ्यूम में मौजूद इन घातक और अनहेल्दी केमिकल्स की पुष्टि कई शोधों में भी हो चुकी है। 2004 में एक स्टडी हुई थी जिसमें इस बात की पुष्टि हुई की परफ्यूम में मौजूद हानिकारक केमिकल्स शरीर में हार्मोन बैलेंस को डिस्टर्ब करते हैं और ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनते हैं।
कैंसर का कारण






कैंसर का कारण------

एल्यूमिनियम क्लोरोहाईड्रेट, एल्यूमिनियम जिरकोनियम, टेट्राक्लोरोहाइड्रेक्स --
ये कम्पाउंड्स शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। एल्यूमिनियम तो ऐसे ही शरीर को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है इस कारण डॉक्टर इसके बर्तन तक में खाना ना बनाने की सलाह देते हैं। और ऐसे में जब इसके पार्टिकल्स परफ्यूम में मिले होते हैं तो ये सीधे त्वचा के संपर्क में आ जाते हैं जिससे ये तुरंत त्वचा द्वारा एब्जॉर्ब कर लिये जाते हैं। त्वचा द्वारा एब्जॉर्ब करने पर ये पैराबीन की ही तरह शरीर में स्कीन कैंसर का कारण बनते हैं।
 

स्किन एलर्जी

सिलिका और टेल्क
सिलिका अथवा 'सिलिकॉन डाईऑक्साइड' (Silica, SiO2) ऑक्सीजन और सिलिकन से योग से बना होता है। इसका इस्तेमाल बालू में उपस्थित छोटे-छोटे कांच के कण काँच, सिरेमिक सामानों के निर्माण और तापरोधी ईंटें बनाने में किया जाता है। अब आप खुद ही समझ सकते हैं कि ये केमिकल त्वचा में जलन पैदा का कारण भी बन सकती है जिससे स्किन एलर्जी की समस्या होती है। सिलिका के अलावा इसमें मौजूद टेल्क रसायन शरीर में कैंसर का कारण बनता है। इंटरनेशनल एकेडमी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के मुताबिक अगर इसमें एस्बेस्टिफॉर्म फाइबर हैं तो ये कैंसर का कारण बन सकता है।

स्किन डिजीज

ट्राइक्लोसन
इस केमिकल का इस्तेमाल परफ्यूम या डियोडरेंट्स को बैक्टीरिया रोधी यानी एंटीबैक्टीरियल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस केमिकल का इस्तेमाल कई एंटीबैक्टीरियल साबुनों में भी किया जाता है। लेकिन ये केमिकल शरीर में मौजूद अच्छे बैक्टीरियाओं को भी नष्ट कर देता है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट ने इसे पेस्टीसाइड बताया है। इसके कारण त्वचा संबंधिक तई तरह की बीमारियां होती हैं। अब तो हाल ही में किए गए शोध में तो इस बात की भी पुष्टि कर दी गई है कि ये रसायन गर्भ में पल रहे शिशुओं और नवजातों के शारीरिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

किडनी को नुकसान

प्रॉपिलीन गलायसोल और स्टीरेथ एन
प्रॉपिलीन गलायसोल एक एकलर्जिक रसायन है जो शरीर में एलर्जिक रिएक्शन पैदा करता है। ये एक तरह का न्यूरोटॉक्सिक रसायन है जो किडनी को डैमेज करने का कारण बनता है। स्टीरेथ एन सब्जियों से मिलने वाला केमिकल है। लेकिन ये रसायन तब तक ही हानिकारक नहीं होता जब तक की ये सब्जियों में रहता है। सब्जियों के बजाय इसे परफ्यूम, क्रीम या अन्य उत्पादों में मिलाने पर स्वास्थ्य के लिए घातक बन जाता है। कई बार इसकी मात्रा अधिक होने पर कैंसर का कारण भी बन जाती है।




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